Monday 25 December 2017

दूंगा जब आवाज मैं...











गीत या गजल बन कर दूंगा जब आवाज मैं
गुनगुना लेना तुम बन जाउंगा राग मैं
इश्क़ को सजदा करेंगे, तारे जगमगाएंगे
आशिकी की दास्तां संग तेरे गुनगुनाएंगे
चुपके चुपके चांद संग चांदनी भी आएगी
प्रीत की चुनरिया ओढ़े प्रेम गीत गाएगी

रागिनी बन जाना तुम बन जाउंगा साज मैं |
इश्क नेमत है खुदा की, पाकीज़ा एहसास है
गीत है, गजल है, ये भजन और अरदास है
पीर की मदहोशी है, ये फकीर का अंदाज है
मन परिंदा बन उड़े तो इश्क़ ही परवाज है
माशूकी में नाम तेरा दुनिया जब दोहराएगी
बादलों की ओट से चांदनी खिल जाएगी
गीत या गजल बन कर दूंगा जब आवाज मैं
गुनगुना लेना तुम बन जाउंगा राग मैं |

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